Gurugram News Network – सरपंच व उसके साथियों द्वारा युवक से मारपीट किए जाने का मामला सामने आया है। पीड़ित का आरोप है कि जब इसकी शिकायत उसने मानेसर थाना पुलिस को दी तो जांच अधिकारी ने उनकी शिकायत पर कार्रवाई करने और केस दर्ज करने की ऐवज में उनसे 20 हजार रुपए ले लिए, लेकिन केस दर्ज नहीं किया। इस पर पीड़ित ने डीसीपी मानेसर को शिकायत दी। डीसीपी मानेसर के आदेश पर मानेसर थाना पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
पुलिस को दी शिकायत में गांव खेड़की(बाघनकी) के रहने वाले सतीश ने बताया कि 11 अगस्त की रात को वह अपने घर पर था कि गांव का सरपंच विनोद उनके पास आया और किसी काम के बारे में कहने लगा। विनोद सरपंच उसे अपने साथ ले गया। उसने बताया कि वह अपनी इको गाड़ी लेकर सरपंच के साथ शराब के ठेके पर गया। यहां से उन्होंने शराब खरीदी और सरपंच के घर की तरफ चल दिए। रास्ते में वह सड़क किनारे रुक गए और यही बैठ गए। आरोप है कि यहां सरंपच ने उसे जबरन शराब पिलाई।
आरोप है कि शराब पिलाने के बाद सरपंच ने उसे कहा कि उसका मोबाइल गुम हो गया है। इस बात को लेकर दोनों में बहस हो गई। कुछ देर बाद सरपंच ने उसका मोबाइल ले लिया और फोन करके मनीष, मोनू उर्फ नरेंद्र, सतेंद्र और सुनील को मौके पर बुला लिया जिन्होंने मौके पर पहुंचकर उसकी पिटाई कर दी। इस पर उसने शोर मचा दिया। शोर सुनकर सतीश के पिता सहित कुछ अन्य लोग मौके पर आ गए जिन्होंने उसे बचाया और नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया।
उन्होंने पुलिस को बताया कि उनके पैर में फ्रेक्चर होने के कारण वह थाने नहीं जा सके थे। उनकी शिकायत पर कार्रवाई के लिए जांच अधिकारी युद्धवीर को लगाया गया था। आरोप है कि उसने केस दर्ज कर जांच करने के नाम पर सतीश के पिता से 20 हजार रुपए ले लिए। यह रुपए उसने थाने के बाहर बने चाय के खोखे पर दिलवाए थे। यह रुपए लेने के बाद भी उसकी शिकायत पर कार्रवाई नहीं हुई। वहीं, सरपंच व उसके साथियों ने उसे धमकाते हुए कहा कि पुलिस उसका कुछ नहीं बिगाड़ सकती। इसके बाद सतीश ने इसकी शिकायत डीसीपी मानेसर को दी। डीसीपी ने जांच के बाद मामले में केस दर्ज करने के निर्देश दिए। डीसीपी के निर्देश के बाद पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।